
अरब सागर में INS विक्रमादित्य को तैनात कर भारत ने चीन-पाक को दिया कड़ा संदेश
रविवार, 12 जनवरी 2020
Edit
चीन और पाकिस्तान में युद्धाभ्यास के बीच भारत ने भी अरब सागर में आईएनएस विक्रमादित्य को तैनात करके स्पष्ट संकेत दे दिए हैं कि भारत उन दोनों की जुगलबंदी की परवाह नहीं करता है। आईएनएस विक्रमादित्य को सामरिक तैयारियों के साथ तैनात किया गाय है। इसपर मिग 29K विमान तैनात हैं।
नई दिल्ली
भारत ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य को अरब सागर में तैनात कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया है जब पाकिस्तान और चीन उसी क्षेत्र में नौ दिवसीय युद्धाभ्यास कर रहे हैं। कश्मीर मामले में चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बाद यह युद्धाभ्यास 'सी गार्जियन' किया जा रहा है। बताया गया कि भी अपने युद्ध पोत को तैनात करके संकेत दिया है कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने कौ तैयार है। इस युद्ध अभ्यास में चीन और पाकिस्तान के सबमरीन, डेसट्रॉयर और फ्रिगेट शामिल हैं।
INS विक्रमादित्य को पूरी तैयारी के साथ तैनात किया गया है। इस पर मिग29K खड़े किए गए हैं। नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि नेवल स्टाफ के डेप्युटी चीफ एमएस पवार ने स्थिति का जायजा लिया और अरब सागर में विक्रमादित्य की तैयारियां पूरी कीं। उन्होंने बताया कि जब पोत को सामरिक मिशन पर तैनात किया गया, नौसेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी विमानवाहक पोत पर सवार थे।
पाकिस्तान और चीन का नौसेना अभ्यास सोमवार को उत्तरी अरब सागर में शुरू हुआ था। इसका मकसद दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। क सूत्रों ने बताया कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को सामरिक उद्देश्य के साथ भेजा गया है। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के उप-प्रमुख एमएस पवार ने अरब सागर में आईएनएस विक्रमादित्य के परिचालन की समीक्षा की।
प्रवक्ता के अनुसार उप-प्रमुख ने विश्वास व्यक्त किया कि INS विक्रमादित्य अपने नाम को सच साबित करेगा और लड़ाई में हमेशा विजयी रहेगा। चीन पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित कर रहा है और इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। INS विक्रमादित्य को नवंबर 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और उसे वैश्विक स्तर पर शीर्ष के विमान वाहकों में से एक माना जाता है।
भारत ने अपने एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रमादित्य को अरब सागर में तैनात कर दिया है। यह कदम तब उठाया गया है जब पाकिस्तान और चीन उसी क्षेत्र में नौ दिवसीय युद्धाभ्यास कर रहे हैं। कश्मीर मामले में चीन और पाकिस्तान की जुगलबंदी के बाद यह युद्धाभ्यास 'सी गार्जियन' किया जा रहा है। बताया गया कि भी अपने युद्ध पोत को तैनात करके संकेत दिया है कि भारत किसी भी चुनौती का सामना करने कौ तैयार है। इस युद्ध अभ्यास में चीन और पाकिस्तान के सबमरीन, डेसट्रॉयर और फ्रिगेट शामिल हैं।
INS विक्रमादित्य को पूरी तैयारी के साथ तैनात किया गया है। इस पर मिग29K खड़े किए गए हैं। नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि नेवल स्टाफ के डेप्युटी चीफ एमएस पवार ने स्थिति का जायजा लिया और अरब सागर में विक्रमादित्य की तैयारियां पूरी कीं। उन्होंने बताया कि जब पोत को सामरिक मिशन पर तैनात किया गया, नौसेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी विमानवाहक पोत पर सवार थे।
पाकिस्तान और चीन का नौसेना अभ्यास सोमवार को उत्तरी अरब सागर में शुरू हुआ था। इसका मकसद दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। क सूत्रों ने बताया कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को सामरिक उद्देश्य के साथ भेजा गया है। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के उप-प्रमुख एमएस पवार ने अरब सागर में आईएनएस विक्रमादित्य के परिचालन की समीक्षा की।
प्रवक्ता के अनुसार उप-प्रमुख ने विश्वास व्यक्त किया कि INS विक्रमादित्य अपने नाम को सच साबित करेगा और लड़ाई में हमेशा विजयी रहेगा। चीन पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को विकसित कर रहा है और इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। INS विक्रमादित्य को नवंबर 2013 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था और उसे वैश्विक स्तर पर शीर्ष के विमान वाहकों में से एक माना जाता है।