गुड़िया गैंगरेपः दोषियों के चेहरे पर नहीं अफसोस का भाव, कोर्ट परिसर में किया पत्रकारों पर हमला

गुड़िया गैंगरेपः दोषियों के चेहरे पर नहीं अफसोस का भाव, कोर्ट परिसर में किया पत्रकारों पर हमला


 

नई दिल्ली

बहुचर्चित गुड़िया गैंगरेप केस में दिल्ली की एक अदालत ने आरोपी प्रदीप कुमार और मनोज शाह को दोषी करार दिया है। उनकी सजा पर फैसला कोर्ट ने 30 जनवरी तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। वहीं, ऐसा लग रहा है जैसे दोषियों को अपने किए का जरा भी पछतावा नहीं है। उन्हें जैसे ही कोर्ट से बाहर लाया गया उनमें से एक ने पत्रकारों पर हमला कर दिया।
उधर, सुनवाई के दौरान अडिशनल सेशन जज नरेश कुमार मल्होत्रा ने मनोज शाह और प्रदीप कुमार को मामले में दोषी ठहराया और कहा कि महज पांच साल की बच्ची को काफी अनैतिक आचरण एवं अति क्रूरता सहनी पड़ी। बता दें कि दिल्ली के इस चर्चित गैंगरेप केस में तब फैसला आया जब राजधानी के 16 दिसंबर गैंगरेप के चारों दोषियों को फरवरी की शुरुआत में फांसी दी जानी है।
परिवार ने जताई खुशी
पीड़ित बच्ची के पिता ने सुनवाई में देरी का मुद्दा उठाया लेकिन साथ ही फैसले पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, ' सुनवाई दो साल पहले पूरी होनी चाहिए थी, हम खुश हैं कि हमें छह वर्ष बाद न्याय मिल गया।' आरोपी मनोज शाह और प्रदीप दोनों गुड़िया के पड़ोस में ही रहते थे। इस मामले की सुनवाई में 6 साल से ज्यादा का वक्त इसलिए लगा क्योंकि आरोपियों में से एक प्रदीप ने खुद को नाबालिग बताते हुए केस को लटकाने की कोशिश की थी। हालांकि घटना के वक्त वह बालिग ही पाया गया था।
दोषी ने पत्रकार पर किया हमला
दोषी करार दिए गए मनोज और प्रदीप के चेहर पर अफसोस की कोई लकीर नहीं थी। जब उन्होंने कड़कड़डूमा कोर्ट से बाहर ले जाया जा रहा था तो उनमें से एक दोषी ने वहां मौजूद पत्रकारों पर हमला कर दिया और उनका फोन छीनने की कोशिश की। पत्रकार कोर्ट की कार्यवाही को कवर करने गए थे।
केजरीवाल बोले, सुधारना होगा सिस्टम
उधर, फैसले का स्वागत करते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'गुड़िया रेप केस में दोनों आरोपियों को दोषी पाया गया। 7 साल लग गए। हमें मिल कर इस व्यवस्था को जल्द से जल्द ठीक करना होगा। अगर हम चाहते हैं कि हमारी बहन बेटियों के साथ हैवानियत करने वाली मानसिकता खत्म हो, तो रेप केसेस में 6 महीनों के अंदर सजा हो ऐसी व्यवस्था बनानी होगी।' बता दें कि सीएम की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है जब निर्भया गैंगरेप केस में फांसी की तारीख आगे बढ़ने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने आप सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आपका सिस्टम कैंसर बन चुका है।
क्या था मामला
शाह और कुमार ने 15 अप्रैल 2013 को गांधी नगर इलाके में लड़की से रेप किया था और उसके निजी अंगों में वस्तुएं डाल दीं थीं। अपराध करने के बाद दोषियों ने पीड़िता को मनोज के कमरे में मृत समझकर छोड़ दिया और वहां से फरार हो गए। बच्ची को 40 घंटे बाद 17 अप्रैल 2013 को बचाया गया। घटना को अंजाम देने के बाद लापता हो गए थे, जिन्हें बिहार और उत्तर प्रदेश से पुलिस ने दबोचा था। दिसंबर, 2012 में निर्भया गैंगरेप के महज चार महीने बाद हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था।

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