करॉना वायरस की वजह से पकड़ा गया नकली नोटों का सरगना

करॉना वायरस की वजह से पकड़ा गया नकली नोटों का सरगना




मुंबई



तीन दिन पहले अंधेरी क्राइम ब्रांच ने मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट के बाहर 23 लाख 86 हजार रुपये कीमत के जाली नोट जब्त किए थे। उस केस में 36 साल के जावेद शेख नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था। जावेद से पूछताछ में पता चला कि वह अतीत में बैंक फ्रॉड से जुड़े कई केसों में शामिल रहा है। उसी सिलसिले में वह एटीएम कार्ड क्लोनिंग के लिए स्कीमर मशीनें खरीदने चीन जाने वाला था। लेकिन वहां करॉना वायरस की वजह से उसने चीन की बजाए दुबई की फ्लाइट पकड़ी।

वेद के मुताबिक, दुबई में उसे एक आदमी ने मोटा कमिशन देने का लालच देकर 2000-2000 के जाली नोट पकड़ा दिए। इन्हीं नोटों को रविवार को जब्त किया गया था। जावेद को बुधवार को रिमांड के लिए किला कोर्ट लाया गया। वहां उसके वकील अजय उमापति दुबे ने उसकी गिरफ्तारी का यह कहकर विरोध किया कि आरोपी को पता नहीं था कि उसे दिए गए बैग में जाली नोट हैं, पर कोर्ट ने उसे 20 फरवरी तक क्राइम ब्रांच रिमांड में भेज दिया।

करॉना की वजह से कैंसल की थी यात्रा
जावेद से पूछताछ में पता चला कि पहले स्कीमर मशीनें चीन से आसानी से ऑनलाइन मंगा ली जाती थीं, पर एटीएम फ्रॉड बढ़ने की वजह से जांच एजेंसियों की सलाह पर बाहर से आने वाली इन मशीनों को रडार पर रखा जाने लगा, ताकि मूल ग्राहक तक यह पहुंचे नहीं। इसी में जावेद ने चीन जाने का फैसला किया था, जहां इस तरह की मशीनें अपेक्षाकृत सस्ती मिलती हैं, लेकिन बाद में करॉना वायरस की वजह से उसे वहां की अपनी यात्रा कैंसिल करनी पड़ी थी।
वायरलेस स्कीमर से होती थी कार्ड क्लोनिंग
क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार, जावेद व उसके गिरोह के लोग किसी भी एटीएम सेंटर में किसी भी एटीएम मशीन में वायरलेस स्कीमर मशीनें लगा देते थे। जैसे ही उस मशीन में किसी व्यक्ति द्वारा अपना डेबिट कार्ड रुपये निकालने के लिए डाला जाता था, उस कार्ड का पूरा डाटा जावेद अपने ड्यूप्लिकेट कार्ड में ट्रांसफर कर लेता था। इस तरह के कार्ड क्लोनिंग फ्रॉड में वह गोवा व पुणे पुलिस द्वारा अतीत में गिरफ्तार भी किया जा चुका है।
जावेद से पूछताछ व उसके मोबाइल के सीडीआर की जांच के बाद जाली नोट के केस में पटना और नाशिक के रहने वाले कुछ लोगों के नाम सामने आए हैं। क्राइम ब्रांच ने जब्त नोटों को नाशिक प्रिंटिंग प्रेस भेज दिया है। वहां से रिपोर्ट आते ही इस केस में यूएपीए लग जाएगा। यह ऐक्ट अमूमन आतंकवादी गतिविधियों या देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर लगाया जाता है। यदि मूल नोट के तीन से ज्यादा सिक्योंरिटी फीचर नकली नोटों में मिले, तो जाली नोटों के केसों में भी यूएपीए लगता है।


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