
पाकिस्तान का छलावा, दुनिया के दो खूंखार आतंकी मसूद अजहर और एहसानुल्ला एहसान अचानक 'लापता'
रविवार, 16 फ़रवरी 2020
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नई दिल्ली
आतंकवाद की 'फैक्ट्री' कहे जाने वाले पाकिस्तान से दो खूंखार आतंकवादी एहसानुल्ला एहसान और मौलाना मसूद अजहर 'लापता' हो गए हैं। ये आतंकवादी ऐसे समय पर लापता हुए हैं जब पाकिस्तान पर फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) की आज से शुरू हो रही बैठक में ब्लैक लिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। माना रहा है कि एक के बाद एक दो वैश्विक आतंकवादियों के गायब होने के पीछे पाकिस्तान की एक नापाक साजिश छिपी हुई है ताकि विश्व समुदाय की आंखों में धूल झोंका जा सके।
पेरिस में हो रही एफएटीएफ की बैठक से ठीक पहले पाकिस्तान ने बड़ा दांव खेला है। पाकिस्तान ने कहा है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना और यूएन की ओर से वैश्विक आतंकवादी घोषित मसूद अजहर और उसका परिवार 'लापता' है। पाकिस्तान का यह दावा ऐसे समय है जब पिछले साल पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी अजहर के गंभीर रूप से बीमार होने की बात कही थी। कुरैशी ने यहां तक कहा था कि मसूद इतना बीमार है कि घर से बाहर भी नहीं निकल सकता। यही नहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने यहां तक खबर उड़ा दी कि मसूद अजहर की 2 मार्च को लीवर कैंसर से मौत हो गई।
हिरासत में लिया गया था जैश सरगना अजहर
पाकिस्तान की ओर से पहले गंभीर रूप से बीमार होने की बात कही गई और अब लापता होने का दावा किया जा रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के 'लापता' होने की कहानी के पीछे बीमार अजहर को बचाना और एफएटीएफ तथा विश्व समुदाय को गुमराह करना मकसद हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक आईएसआई की कड़ी सुरक्षा में मसूद अजहर और उसका परिवार जिंदगी बिता रहा है। हालांकि मसूद का स्वास्थ्य काफी खराब है। खराब सेहत के कारण मसूद इन दिनों संगठन के काम से दूर है और उसका भाई ही संगठन का काम देख रहा है। मसूद का भाई अब्दुल रऊफ असगर ही इन दिनों उसकी 'आतंक की फैक्ट्री' चला रहा है। सूत्रों के अनुसार, मसूद अजहर किडनी खराब होने की बीमारी से जूझ रहा है और ज्यादातर वक्त वह अपने क्वॉर्टर में ही आराम करते हुए बिताता है।
इस साल मार्च में मसूद अजहर को पाकिस्तान में हिरासत में लिया गया था। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने यह कदम बस आंख में धूल झोंकने के इरादे से ही उठाया था। सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों के घेरे के बीच असगर खुले आम घूमता था। एक सूत्र ने बताया, 'जैश के दूसरे प्रमुख संगठनकर्ताओं से वह नियमति तौर पर मिलता था। ऐसे भी संकेत मिले हैं कि आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने के बाद वह ISI के निर्देश पर जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे सकता है।' अभी जैश सरगना के रिकॉर्डेड भाषणों का प्रयोग युवाओं को भड़काने के लिए किया जा रहा है। हर शुक्रवार को भी उसके भाषणों को सुनाया जाता है।
आतंकी एहसानउल्लाह के जरिए भारत को घेरेगा पाक!
इस बीच तहरीक-ए-तालिबान का पूर्व प्रवक्ता और बेहद खूंखार आतंकवादी एहसानउल्लाह अहसान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों की हिरासत से बेहद रहस्यमयी परिस्थितियों में फरार हो गया है। आतंकी एहसान वर्ष 2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसफजई और वर्ष 2014 में पेशावर आर्मी स्कूल पर हुए भीषण हमले के लिए जिम्मेदार था। पेरिस में एफएटीएफ की बैठक से ठीक पहले अहसानउल्लाह अहसान के फरार होने से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। दरअसल, वर्ष 2017 में आतंकी अहसानउल्लाह ने एक विडियो जारी करके सनसनीखेज आरोप लगाया था कि आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिए उसे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से सहयोग मिलता था।
विडियो में अहसान ने दावा किया था कि अफगानिस्तान में पैर जमाने के बाद तालिबान ने भारत के खुफिया एजेंसी रॉ के साथ भी संपर्क किया था। अहसान ने कहा, 'हमने भारत और इसकी प्रमुख जासूसी संस्था रॉ के साथ संबंध बनाए। टीटीपी को भारत की ओर से पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों के संचालन के लिए सहयोग और पैसे मिलते रहे। भारत ने टीटीपी लड़ाकों को पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लड़ने के लिए उकसाया।' विडियो में यह भी दावा किया गया है कि आतंकी संगठन रॉ के साथ लगातार संपर्क में बने रहते हैं। आतंकी संगठनों के लिए काम करने वालों को भारत की तरफ से अफगानिस्तान में रहने और अपनी गतिविधियों के संचालन के लिए विशेष वीजा भी मुहैया कराया जाता है। नई दिल्ली और काबुल दोनों ने पाकिस्तान के अहसानउल्लाह के दावे को खारिज किया था।
एफटीएफ में भारत को झटका देना चाहती है पाक सेना!
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान खासतौर पर वहां की सेना एक बार फिर से एहसानउल्लाह का इस्तेमाल भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए कर सकती है। आईएसआई एहसान के जरिए पाकिस्तान भारत पर आतंकवादियों को वित्तीय मदद देने का आरोप लगा सकती है। पाकिस्तान कुलभूषण जाधव का भी हवाला दे सकता है जो पाकिस्तान की कैद में है। इसके अलावा पाकिस्तान की ओर से खालिस्तान मूवमेंट को हवा देने की भी तैयारी है। पाकिस्तान अपने मित्र एनजीओ के जरिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है।