Petrol LPG Price Hike: वेतन वहीं का वहीं, सिर्फ दो महीने में ही गृहस्थी पर बढ़ गया 700 रुपये का बोझ

Petrol LPG Price Hike: वेतन वहीं का वहीं, सिर्फ दो महीने में ही गृहस्थी पर बढ़ गया 700 रुपये का बोझ


 
petrol lpg price hike: salary is same, increased the burden of rs 700 on the household in just two months
    राम नरेश बताते हैं कि पेट्रोल (Petrol ) और गैस (LPG) की वजह से पिछले दो महीने में उनकी गृहस्थी पर करीब 700 रुपये का बोझ बढ़ चुका है। एक फरवरी 2021 से अभी तक एलपीजी गैस सिलेंडर (LPG Cylinder) के दाम में 125 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। जबकि, बीते एक जनवरी से अभी तक में 14 किस्तों में पेट्रोल भी 3.87 रुपये महंगा हो चुका है। इतने दिनों में डीजल भी 4 रुपये लीटर से ज्यादा महंगा हो गया है।
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    बीते एक फरवरी से चार बार बढ़ चुके हैं गैस सिलेंडर के दाम

    सरकारी तेल कंपनियों ने इस साल एक फरवरी से 14 किलो वाले घरेलू एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम में चार बार बढ़ोतरी की है। पहली बढ़ोतरी 4 फरवरी को हुई थी। दिल्ली में उस दिन रसोई गैस सिलेंडर का दाम 25 रुपये बढ़ कर 719 रुपये हो गया था। इसके बाद 15 फरवरी को गैस सिलेंडर फिर 50 रुपये महंगा हुआ। उसके बाद 25 फरवरी को इसमें 25 रुपये की बढ़ोतरी हुई। रसोई गैस के दाम में नवीनतम बढ़ोतरी कल ही हुई है। इस बार भी दाम में 25 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और अब इसका दाम 819 रुपये हो गया है।

    14 दिनों में ही 03.87 रुपये महंगा हो चुका है पेट्रोल

    14-03-87-

    आज भले ही पेट्रोल की कीमत में शांति रही हो, लेकिन बीते जनवरी और फरवरी महीने के दौरान पेट्रोल के दाम में 14 दिन बढ़ोतरी हुई है। उससे यह 03.87 रुपये महंगा हो गया है। मुंबई में तो पेट्रोल 97.57 रुपये पर पहुंच गया है, जो कि मेट्रो शहरों में सबसे ज्यादा है। भोपाल में एक्सपी पेट्रोल (XP Petrol) 102.12 रुपये पर बिक रहा है। इसके साथ ही लगभग सभी शहरों में पेट्रोल All Time High Price पर चला गया है। सिर्फ इस साल जनवरी और फरवरी की बात करें तो 25 दिनों मे ही पेट्रोल 7.36 रुपये महंगा हो चुका है।

    पेट्रोल की वजह से 500 रुपय से ज्यादा का बढ़ा बोझ

    -500-
    राम नरेश बताते हैं कि महीने में उनकी कार में करीब 125 लीटर पेट्रोल की खपत (Petrol consumption in a month) होती है। हालांकि, इन दिनों कार को फालतू चलाने से बच रहे हैं, तब भी 120 लीटर पेट्रोल तो कार में भरवाना ही पड़ता है। इस साल एक जनवरी से अभी तक पेट्रोल करीब चार रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ है। मतलब महीने में करीब 500 रुपये का बोझ तो बढ़ ही गया।

    वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं

    यह शिकायत सिर्फ राम नरेश की ही नहीं है, बल्कि प्राइवेट नौकरी करने वाले लाखों कर्मचारियों की है। उनका कहना है कि सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता मिलता है। जब बाजार में महंगाई बढ़ती है तो उनका वेतन भी बढ़ जाता है। लेकिन प्राइवेट कर्मचारियों का वेतन तो अप्रेजल के समय में ही बढ़ता है। पिछले साल कोरोना की वजह से अप्रेजल हुआ नहीं। इसलिए दो साल से वेतन वहीं का वहीं है। जबकि पेट्रोल और रसोई गैस के दाम आसमान में पहुंच चुके हैं

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